चमन चौहान और मोनू शर्मा|रिश्तों की हत्या और मासूम की चीख
चमन चौहान और मोनू शर्मा: रिश्तों का लहू-लुहान अध्याय और एक मासूम की सिसकती पुकार आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आत्मा कांप उठेगी, दिल झकझोर उठेगा और आँखों से आँसू छलक पड़ेंगे। यह सिर्फ एक अपराध की दास्तान नहीं, बल्कि रिश्तों के खून से सने उस भयानक सच का आईना है, जिसने न केवल एक मासूम जीवन को उजाड़ा, बल्कि समाज के दो राज्यों - उत्तर प्रदेश और बिहार - के माथे पर भी शर्म का ऐसा टीका लगाया, जो सदियों तक नहीं मिटेगा। यह कहानी है चमन चौहान और उसके प्रेमी मोनू शर्मा की, जिनके कुकर्मों ने एक हँसते-खेलते परिवार को मातम में बदल दिया और एक बेकसूर बच्चे की दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए, उसके पिता से दूर, अंधेरे में धकेल दिया। एक साधारण जीवन, एक असामान्य दस्तक: कहानी की शुरुआत मुंबई के नालासोपारा से होती है। यहाँ बिहार का विजय चौहान अपने पसीने की कमाई से अपने परिवार का पेट पालता था। उसकी पत्नी, उत्तर प्रदेश की चमन चौहान (जिसे कुछ रिपोर्ट्स में गुड़िया देवी भी कहा गया है) और उनका 7 साल का मासूम बेटा, यही उसका संसार था। विजय ने दिन-रात एक करके एक आशियाना बनाया था, जिसे उस...