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चमन चौहान और मोनू शर्मा|रिश्तों की हत्या और मासूम की चीख

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  चमन चौहान और मोनू शर्मा: रिश्तों का लहू-लुहान अध्याय और एक मासूम की सिसकती पुकार आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आत्मा कांप उठेगी, दिल झकझोर उठेगा और आँखों से आँसू छलक पड़ेंगे। यह सिर्फ एक अपराध की दास्तान नहीं, बल्कि रिश्तों के खून से सने उस भयानक सच का आईना है, जिसने न केवल एक मासूम जीवन को उजाड़ा, बल्कि समाज के दो राज्यों - उत्तर प्रदेश और बिहार - के माथे पर भी शर्म का ऐसा टीका लगाया, जो सदियों तक नहीं मिटेगा। यह कहानी है चमन चौहान और उसके प्रेमी मोनू शर्मा की, जिनके कुकर्मों ने एक हँसते-खेलते परिवार को मातम में बदल दिया और एक बेकसूर बच्चे की दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए, उसके पिता से दूर, अंधेरे में धकेल दिया। एक साधारण जीवन, एक असामान्य दस्तक: कहानी की शुरुआत मुंबई के नालासोपारा से होती है। यहाँ बिहार का विजय चौहान अपने पसीने की कमाई से अपने परिवार का पेट पालता था। उसकी पत्नी, उत्तर प्रदेश की चमन चौहान (जिसे कुछ रिपोर्ट्स में गुड़िया देवी भी कहा गया है) और उनका 7 साल का मासूम बेटा, यही उसका संसार था। विजय ने दिन-रात एक करके एक आशियाना बनाया था, जिसे उस...

गरीबी में घुटती ज़िंदगी 2025 का भारत|#kalamVerse #poetry

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                                                                             2025 का भारत – जहाँ एक ओर तकनीक और विकास की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी, मजदूर और गरीब की जिंदगी और भी कठिन होती जा रही है। यह कविता उसी पीड़ा और हकीकत को बयां करती है।                                          कविता रोटी के दाम अब आसमान से बातें करते हैं,   और सियासतदान मंचों से बस वादे करते हैं।   जिसे कल भूखा देखा था, वो आज भी लाइन में है,   2025 आने के बाद भी ,  वही लोटा, वही गलास, सब खाली  हैं,  मजदूर की हथेली पर बस छाले बचे हैं,   न रोजगार, न उम्मीद, सिर्फ़ ताले बचे हैं।   बेटे की फीस और माँ की दवा,   महंगाई ने सब कुछ धीरे धीरे...

बुद्धि की बोली|Voice of Lost Wisdom – AI बनाम इंसानी सोच | हिंदी कविता | Kalam Verse

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  **यह कविता “Kalam Verse” ब्लॉग की प्रस्तुति है** कलम के शब्द अब मौन हैं, कृत्रिम बुद्धि के कानों में शोर है। सोचता नहीं अब मनुष्य कुछ भी, हर उत्तर अब मशीन की ओर है।   किताबें धूल में लिपटी हैं, पन्नों की पुकार अब कौन सुने? मोबाइल की रोशनी में जलती, वो आँखें अब सपनों को भूल चुके। नकल में पक्के, असल में कच्चे, हर छात्र बस सर्च बटन दबाए। ज्ञान नहीं, बस नंबर चाहिए,  अब मेहनत किसे रास आए   AI बना है ज्ञान का पुजारी, पर इंसान खुद ही बन बैठा भिखारी। सोच बेच दी, सवाल गिरवी रखे, अब आत्मा भी लगती है उधारी।     कविता अब जनरेशन से आती है, संवेदनाएँ गूगल से खोजी जाती हैं। पर दिल के गहराइयों में जो दर्द था, वो मशीन क्या जाने, वो तो बस गणना जानती है। चलो रुकें, थोड़ा ठहरें, क्या हम खुद को खोते जा रहे हैं? तकनीक है वरदान अगर, तो क्यों रिश्ते बेजान होते जा रहे हैं?   पढ़ो, पर समझो भी, लिखो, पर महसूस भी करो। AI से मदद लो, पर अपनी आत्मा को ना गिरवी रखो।   अगर सब कुछ AI कर लेगा, तो इंसान क्या करेगा? सिर्फ खा-पीकर जिएगा? या अपनी आत्मा भी सस्ते में बेचेगा? ### ✨ **यह...

Welcome To Kalam Verse Post – जहाँ कल्पना, कविता और कहानियाँ ज़िंदा हैं" /kalam Verse Hindi Blog में 🌹♥️🙏 आपका हार्दिक स्वागत है 🙏♥️🌹

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डिजिटल दानव : स्क्रीन की लत : एक पीढ़ी का विनाश

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 🌹♥️🙏 Welcome to my Kalam Verse 🙏♥️🌹                         डिजिटल दानव   जो आज का समय चल रहा है आप खुद से ही एक बार सोच करके देखिए कि हमारी पीढ़ी आज कहां पर जा रही है मैं आज आपको ऐसी कहानी बताने जा रहा हूं जिस पर फोकस करने की जरूरत है। आप एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहाँ हर स्क्रीन एक मायावी जाल है, जहाँ बच्चे और बड़े एक अदृश्य दुश्मन के गुलाम बन चुके हैं। यह कहानी है उस खतरे की, जो धीरे-धीरे हमारे समाज को खोखला कर रहा है –  गेमिंग और डिजिटल मीडिया की अंधी दौड़। जानिए कैसे एक मासूम सा शौक, विनाशकारी लत में बदलकर जिंदगियां बर्बाद कर रहा है, और क्या हम इस "डिजिटल दानव" से बच पाएंगे?                                    कहानी गाँव का माहौल अब शहरों तक पहुँच चुका था। कभी जहाँ बच्चे गलियों में शोर मचाते थे, वहाँ अब हर घर में सन्नाटा था, जिसे सिर्फ हेडफोन से आने वाली अज़ीब आवाज़ें भंग करती थीं। आकाश, जो कभी अपनी कक्षा का होशि...

"छोटा भाई बना... बड़े भाई का दुश्मन" (एक सच्ची, मार्मिक पारिवारिक कहानी)

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💔 "कभी-कभी ज़िंदगी वो ज़ख्म देती है जो दिखते नहीं... लेकिन रूह तक चीर जाते हैं..." रिश्तों की असली परख तब होती है, जब कोई अपने स्वार्थ के लिए उसी हाथ को काटने लगे जो उसे कभी उठाकर चलाया करता था। आज की कहानी, एक ऐसे बड़े भाई की है जिसने अपनी हर ख्वाहिश कुर्बान की… लेकिन समय के साथ वही छोटा भाई उसका सबसे बड़ा सवाल बन गया। यह कहानी सिर्फ दो भाइयों की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की है जो रिश्तों को खून से नहीं, कद्र से निभाता है। कभी एक गाँव में दो भाई रहते थे — अजय और निलेश। अजय बड़ा था। ज़िम्मेदार था। एक सपना देखा था — कि उसका छोटा भाई निलेश, एक दिन ऊँचाई पर पहुँचे। अपने हर सपने को मारकर उसने निलेश के लिए रास्ता बनाया। स्कूल की फ़ीस कॉलेज की किताबें इंटरव्यू के कपड़े पहली नौकरी के लिए किराया सब कुछ अजय ने किया। उसने शादी नहीं की, ताकि निलेश को आगे बढ़ने में कोई रुकावट न आए। लेकिन समय ने करवट बदली। वो निलेश, जो कभी भैया... भैया कहते नहीं थकता था, अब अजय को एक बोझ समझने लगा। अब न उसमें वो सम्मान था, न अपनापन, न ज़रा सा एहसान का भाव। निलेश कहता था — "भैया ने मेरे लिए किया ही क्य...

Welcome To Kalam Verse |My Welcome Post

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  Kalam Verse हिंदी ब्लॉग में आपका हार्दिक स्वागत है यहां एक ऐसी रचनात्मक दुनियां है जहाँ शब्दों के माध्यम से भावनाएँ बहती हैं, कहानियाँ जी उठती हैं और एक विचार को नई उड़ान मिलती हैं। मैं अवधेश कुमार सैनी, एक रजिस्टर्ड लेखक (SWA रजिस्ट्रेशन संख्या: 20441), इस मंच के माध्यम से आपको प्रेरणादायक कहानियाँ, भावनात्मक अनुभव, वास्तविक जीवन पर आधारित लघु फिल्म स्क्रिप्ट्स और आवाज़ में ढली कहानियाँ (वॉइसओवर कहानियाँ) प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।    Kalam Verse   का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि सोच को जगाना और समाज को सकारात्मक दिशा देना भी है। यहाँ आपको मिलेगा:  ✍️  भावनात्मक कहानियाँ प्रेरणादायक सामग्री सोच को बदलने वाले विचार वास्तविक घटनाओं पर आधारित  शॉर्ट फ़िल्मों की कहानी और उसके विडियो 🖇️ लिंक  वॉइसओवर स्टाइल कहानियाँ जीवन से जुड़ी कहानियाँ, जिंदगी🎙️ आवाज़ में ढली कविताएँ, 🎥 फिल्म जैसी स्क्रिप्ट्स, 🔥 क्रांतिकारी विचार, 🎭 मनोरंजन और मोटिवेशन का मेल, और 💭 ऐसे अनुभव जो सोच को झकझोर दें। हमारी हर कहानी आपको छूएगी, सोचने पर मजबूर करेगी, औ...